नयी दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष Vijender Gupta ने गुरुवार को बताया कि बजट सत्र के दौरान कुल सात बैठकें हुयी और इस दौरान 27 घंटे 56 मिनट तक सदन की कार्यवाही चली तथा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की छह रिपोर्टें पेश की गयीं।
श्री गुप्ता ने आज यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्ष के सहयोग नहीं देने की बावजूद विधानसभा का बजट सत्र फदलायी रहा।
पांच दिवसीय बजट सत्र 24 मार्च को आहुत किया गया था, जिसे लंबित कार्य निपटाने के लिए दो दिन यानी एक और दो अप्रैल बढ़ाया गया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 25 मार्च को विधानसभा में दिल्ली सरकार का एक लाख करोड़ रुपये का ऐतिहास बजट पेश किया, जिस पर 26 और 27 मार्च को चर्चा करायी गयी।
उन्होंने बताया कि बजट पर सदन में सात घंटे 13 मिनट तक चर्चा हुयीं और इस पर 36 सदस्यों ने अपने विचार रखे। दिल्ली विधानसभा के इतिहास में यह बजट समर्थित सबसे लंबी अवधि की चर्चा है और इसमें अधिकतम सदस्यों ने भाग लिया।
उन्होंने बताया कि बजट पर चर्चा के लिए विपक्ष के सदस्यों को उनकी अनुपातिक संख्या से अधिक समय दिया गया।
उन्होंने कहा कि सत्र को सुचारू रूप से चलाने में विपक्षी सदस्यों को सहयोग नहीं मिला। कई मौके पर हंगामा करने के कारण विपक्षी सदस्यों को सदन से बाहर निकलवाना पड़ा, तो कैग की रिपोर्ट सहित कई चर्चा का विपक्षी सदस्यों ने बहिष्कार किया।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि लंबे अंतराल के बाद सदन में पश्नकाल को फिर से शुरू किया गया।
प्रश्नकाल कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए विधायिका का एक महत्वपूर्ण अंग हैं। उन्होंने बताया कि सचिवलों के लिए प्रश्नों के 384 सूचनाएं मिलीं। इनमें से 20 को नियम 80 के तहत अस्वीकार कर दिया गया। उन्होंने बताया कि 80 तारांकित प्रश्नों में से 28 प्रश्नों और 66 अनुपूरक प्रश्नों के उत्तर मंंत्रियों ने दिये।
वहीं, नियम -280 के तहत विशेष उल्लेख के लिए 267 नोटिस सचिवालय को मिले, इनमें से 78 मामले सदन में उठाये गये। उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने वर्ष 2021-22 और 2022-23 के लिए वित्त खाते और विनियोग खाते तथा दिल्ली परिवहन निगम और वाहन वायु प्रदूषण सहित कैग की छह रिपोर्टों को सदन के पटल पर रखा, जिस पर पांच घंट 32 मिनट तक चर्चा चली।
उन्होंने बताया कि सातवीं विधानसभा ने चार दिसंबर 2024 को आयोजित अपनी अंतिम बैठक में तीन प्रस्ताव पारित किये थे, जिसमें कहा गया था कि विशेषाधिकार समिति, याचिका समिति और प्रश्न एवं संदर्भ समिति ते अधूरे कार्यों की जांच आठवीं विधानसभा की समितियों द्वारा नियम 183 के तहत करायी जाए। उन्होंने कहा, “मैंने इन समितियों के समक्ष लंबित मामलों की जांच की और इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि इन मामलों को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।”
उन्होंने बताया कि एक और दो अप्रैल को अल्पकालिक चर्चा के दौरान दिल्ली में पानी की कमी, जलभराव, सीवरों के अवरुद्धा होने और नालों की सफाई के मुद्दे पर चर्चा की गयी। इन मुद्दों पर 52 मिनट तक चर्चा हुयी और संबंधित मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने जवाब दिया।
श्री गुप्ता ने बताया कि गौर सरकारी सदस्यों के संकल्प (नियम-88) के तहत श्री अशोक गोयल, श्री मोहन सिंह बिष्ट और श्री संजीव झा ने संकल्प रखे। उन्होंने बताया, “ अठारह और 19 मार्च को हमने लोकसभा सचिवालय के सहयोग से सदस्यों के लिए प्रबोधन के कार्यक्रम का आयोजन किया, जो पूरी तरह से सफल रहा।”
उन्होंने कहा,“ दिल्ली विधानसभा ने ई विधानसभा की ओर कदम बढ़ाया है। हमने दिल्ली विधानसभा को नेवा यानी राष्ट्रीय ई विधानसभा एप्लीकेशन) को लागू करने की प्रक्रिया शुरू की है और आप लोगों को यह जानकर प्रसन्नता होगी कि विधानसभा के सदस्यों और अधिकारियों के लिए मॉड्यूल तैयार कराने के अलावा हमने मीडिया डेस्क भी स्थापित करने का फैसला किया है। ”
उन्होंने बताया कि मीडिया रूप में मीडियाकर्मियों के लिए 24 कम्प्यूटर लगाए जाएंगे और उन्हें इंटरनेट तथा प्रिंटर लगाये जायेंगे। उन्होंने कहा, “हमने विधानसभा परिसर में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए 100 का लक्ष्य निर्धारित किया है। मौजूदा समय में विधानसभा परिसर में 100 किलोवाट क्षमता के दो सौर ऊर्जा संयंत्र संचालित हैं, लेकिन हमारी आवश्यकता 600 किलोवाट की है, इसलिए स्थापित क्षमता को बढ़ाया जाएगा।”