देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने सरकारी कार्यालयों में अनुशासन और कार्य संस्कृति को बेहतर बनाने के उद्देश्य से एक अहम कदम उठाया है। राज्य सरकार ने सभी सरकारी विभागों, कार्यालयों और संस्थानों को स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली का सख्ती से पालन करने को कहा है। यह आदेश मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा जारी किया गया है और इसे सभी विभागाध्यक्षों, जिलाधिकारियों और कार्यालय प्रमुखों तक पहुंचा दिया गया है। सरकारी आदेश में कहा गया है कि कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बायोमेट्रिक प्रणाली अनिवार्य रूप से लागू की जाए। यह भी स्पष्ट किया गया है कि मशीन की खराबी को उपस्थिति दर्ज न करने का बहाना नहीं माना जाएगा। ऐसे मामलों में संबंधित अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा और आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सरकार का मानना है कि कई विभागों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाई गई हैं, लेकिन उनका उपयोग नियमित रूप से नहीं किया जा रहा है। इससे कार्य संस्कृति पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और जनता को समय पर सेवाएं नहीं मिल पातीं। नई व्यवस्था का मकसद सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाना और कर्मचारियों की जवाबदेही तय करना है। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि बायोमेट्रिक उपस्थिति के आंकड़ों की नियमित निगरानी की जाएगी और उच्च अधिकारियों द्वारा इसकी समीक्षा की जाएगी।
आदेश के अनुसार, अनुपस्थित या देर से पहुंचने वाले कर्मचारियों की सूची बनाई जाएगी और उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। सरकार के इस फैसले से यह स्पष्ट संकेत मिला है कि राज्य प्रशासन में अनुशासन और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
उत्तराखंड सरकार का सख्त आदेश: सभी सरकारी दफ्तरों में बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य
