दो महिला प्रधानों ने महिला सशक्तिकरण की शक्ति को किया उजागर

  दो महिला प्रधानों ने महिला सशक्तिकरण की शक्ति को किया उजागर
– विज्ञान भवन नई दिल्ली के भव्य समारोह में मंच किया साझा
फोटो परिचय-  दिल्ली में मौजूद जिले की दो महिला प्रधान।
मो. ज़र्रेयाब खान अज़रा न्यूज़ फतेहपुर। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस केवल एक तारीख नहीं, बल्कि एक संकल्प है। संकल्प उन महिलाओं के संघर्ष, संकल्प और सफलता का जो बदलाव की नींव रख रही हैं। इसी भावना को सशक्त करने के लिए विज्ञान भवन नई दिल्ली में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें पूरे भारत से आईं प्रभावशाली महिलाओं ने अपनी कहानियाँ साझा कीं। इस गौरवशाली मंच पर फतेहपुर जिले से गई सुजानपुर ग्राम पंचायत की प्रधान एवं गुलाबी गैंग की नेता हेमलता पटेल व बहुआ ब्लॉक की खटौली ग्राम पंचायत की प्रधान दयावती ने ग्रामीण भारत में महिला सशक्तिकरण की शक्ति को उजागर किया।
हेमलता पटेल ने माइक थामा तो पूरा सभागार उनके शब्दों की ताकत महसूस कर रहा था। उन्होंने बताया कि कैसे वर्षों तक महिलाओं की आवाज को दबाया जाता रहा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। गुलाबी गैंग के नेतृत्व में उन्होंने अन्याय के खिलाफ संघर्ष किया। गाँव-गाँव जाकर महिलाओं को उनके हक और अधिकारों के प्रति जागरूक किया। दयावती की आँखों में गाँव की तस्वीर थी। जहां महिलाएं पहले घर की चारदीवारी तक सीमित थीं, लेकिन आज वे पंचायत की बैठकों में खुलकर अपनी बातें रखती हैं। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि जब मैंने पंचायत का पद संभाला, तो लोग कहते थे कि एक महिला गाँव का विकास नहीं कर सकती, लेकिन मैंने खुद को साबित किया। आज हमारी बेटियाँ स्कूल जा रही हैं महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। हमारा गाँव स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिसाल बन रहा है। विज्ञान भवन में बैठे लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ इन दोनों सशक्त महिलाओं के संघर्ष को सलाम किया। यह सिर्फ एक भाषण नहीं था, यह उन तमाम महिलाओं के लिए संदेश था जो बदलाव लाने का सपना देखती हैं, लेकिन समाज की रूढ़ियों से जूझ रही हैं। इस अवसर पर पूरे देश से आई महिलाओं ने एकजुट होकर संकल्प लिया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में बदलाव की लहर लाएंगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सशक्त समाज की नींव रखेंगी। विज्ञान भवन आज सिर्फ एक मंच नहीं था, बल्कि एक नई क्रांति की गवाही दे रहा था। जहां महिलाएं अपने हक, सम्मान, और भविष्य की कहानी खुद लिख रही थीं।

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