विजयदशमी पर्व पर वृद्धाश्रम के बुजुर्गों का लिया आशीर्वाद
फोटो परिचय- वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्गों को पान खिलाकर विजयदशमी पर्व मनाते समिति के लोग।
मो. ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज़ फतेहपुर। दशहरा त्योहार अधर्म पर धर्म की विजय को बताता है। दशहरा यानी विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। दशमी तिथि पर भगवान राम ने रावण का वध किया था। विजयदशमी का त्योहार पूरे देश में बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बड़ो के पैर छूकर आशीर्वाद लेने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। जिस क्रम में हर वर्ष की भांति आज शनिवार को भोजन जन सेवा समिति के पदाधिकारियों ने भिटौरा रोड जमालपुर मवैया स्थिति वृद्धजन आवास पहुंचकर समिति के पदाधिकारियों ने जैसा कि यहां की परंपरा है एक दूसरे के गले मिलकर पान खिलाकर बड़ो के चरण छूकर पर्व को मनाने की उसी तरह अपनो के ठुकराये वृद्धजनों को मीठा पान खिलाकर आशीर्वाद लिया। माना जाता है कि पान को जीत का प्रतीक माना गया है। पान का बीड़ा शब्द का एक महत्व यह भी है। इस दिन हम सही रास्ते पर चलने का बीड़ा उठाते हैं। पान प्रेम का पर्याय है। दशहरे में रावण दहन के बाद पान का बीड़ा खाने की परम्परा है। ऐसा माना जाता है दशहरे के दिन पान खाकर लोग असत्य पर हुई सत्य की जीत की खुशी मनाते हैं। इस अवसर पर समिति के संस्थापक कुमार शेखर, अंकित वर्मा, नरेश गुप्ता, शैलेश साहू, बल्लू बाबू श्रीवास्तव, वृद्धाश्रम की अधीक्षिका नीतू वर्मा, अशोक यादव, दीपक, प्रेम बिहारी आदि रहे।