भोपाल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिबद्धता के परिणाम स्वरूप देश में तीन नए आपराधिक कानूनों का क्रियान्वयन जा रहा है। वर्तमान समय की आवश्यकता और चुनौतियों को ध्यान में रखकर बनाए गए यह कानून, भारतीय न्याय प्रणाली को औपनिवेशिक मानसिकता से निकालकर अधिक लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम हैं।
आधिकारिक जानकारी में डॉ यादव ने कहा कि राज्य सरकार इन कानूनों को प्रदेश में शत-प्रतिशत क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। देश में जुलाई 2024 से नए कानूनों का क्रियान्वयन आरंभ हुआ। यह कानून, क्रियान्वयन के साथ ही प्रदेश में प्रभावी हों, इस उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा आवश्यक गतिविधियों का संचालन पहले से ही आरंभ कर दिया गया था। जन-जन को नए कानूनों की जानकारी देने और थाना स्तर तक उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए पांच आयामी रणनीति पर कार्य किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन-जागरूकता, प्रशिक्षण, व्यवस्था और तकनीकी उन्नयन, उपकरण और भौतिक संसाधन, नवीन पदों का सृजन और राज्य स्तर से नियम और अधिसूचनाएं जारी करने के लिए समय-सीमा निर्धारित कर नियमित मॉनिटरिंग के माध्यम से उनकी प्रगति सुनिश्चित की गई। केन्द्र सरकार ने तीनों नए आपराधिक कानूनों, क्रमश: भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार की सराहना की है।
डॉ यादव ने कहा कि नए कानूनों में साइबर अपराध, डाटा चोरी और डिजिटल धोखाधड़ी जैसे नए युग के अपराधों को परिभाषित करते हुए उनके लिए कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। यह कानून, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले मामलों की त्वरित सुनवाई और सख्त दंड सुनिश्चित करते हैं, इनमें बलात्कार जैसे अपराधों के लिए समयबद्ध जांच और सुनवाई के प्रावधान जोड़े गए हैं। नए कानूनों के माध्यम से डिजिटल तकनीक और प्रक्रियाओं के सरलीकरण के जरिए मामलों को तेजी से निपटाने का भी प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि वास्तविकता है कि पुराने कानून जटिल थे और जनता के लिए समझने में भी कठिन थे, परिणामस्वरुप न्याय प्रक्रिया लंबी हो जाती थी और पीड़ितों को समय पर न्याय नहीं मिल पाता था। पीड़ित को तत्काल न्याय और दोषियों को दंड, अपराधियों में कानून का भय व्याप्त करने और कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर बनाने में सहायक होगा। इससे प्रदेश में निवेश, उद्योग और विकास गतिविधियों के विस्तार में भी सुविधा होगी।