धोखाधड़ी मामले में न्यायालय ने अभियोग दर्ज करने का दिया आदेश, जावेद खान ने हासिल की फिर बड़ी उपलब्धि

  

धोखाधड़ी के मामले में न्यायालय ने अभियोग दर्ज करने का दिया आदेश

बागबादशाही के मानसिक रूप से अस्वस्थ्य व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी कर कराया गया था बैनामा

धोखाधड़ी कर पैसा नहीं देने के मामले में अदालत ने दिया आदेश
दिवंगत अधिवक्ता शफीकुल गफ्फार के जूनियर अधिवक्ता जावेद खान को मिली जीत

ज़र्रे याब खान – अज़रा न्यूज़ फतेहपुर। न्यायालय ए०सी०जे०एम० कोर्ट नं. 2 फतेहपुर ने छल द्वारा कूटरचना कर मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति से बैनामा कराने के सम्बन्ध में अभियुक्तगण के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर विवेचना किये जाने हेतु थानाध्यक्ष बिन्दकी को निर्देशित किया है।
गौरतलब हो कि मोहम्मद आजम पुत्र रईस अहमद निवासी- बागबाद‌शाही खजुहा थाना-बिन्दकी के पिता रईस अहमद का दिमागी संतुलन सही नहीं रहता है जिसका फायदा उठाकर फिरोज पुत्र भूरा निवासी – सरांय बकेवर, थाना – बकेवर व अंकित मिश्रा पुत्र मुन्ना मिश्रा निवासी बकेवर बुजुर्ग, थाना- बकेवर साथ ही हैदर पुत्र हसन निवासी- बागबाद‌शाही छोटी बाजार थाना-बिन्दकी ने रईस अहमद की दो किता कुल रकबा 0.40101 हेक्टेयर भूमि का बैनामा छल द्वारा कूटरचना कर गुप्त तरीके से दिनांक 08.07. 2024 को तहसील बिंदकी में रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारियों से सांठ – गांठ करके अपने पक्ष में करा लिया था और बैनामे में विक्रय मूल्य के रुप में दर्शाई गई चेक सं 000007 दिनांकित 08.07.20245 मूल्य 3 लाख रुपये को बैनामा कराने के बाद फिरोज, अंकित व हैदर ने यह कहकर वापस ने किया कि हम 2-3 दिन में चेक की धनराशि तुम्हे नगद देंगे लेकिन आज तक उक्त धनराशि विक्रेता रईस अहमद को नहीं दी गई। इस बात की जानकारी विक्रेता के पुत्र मोहम्मद आजम उपरोक्त ने पुलिस को तहरीर दिया परन्तु पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही न किये जाने पर जनपद के दिग्गज अधिवक्ताओं में शुमार रहे मरहूम अधिवक्ता शफीकुल गफ्फार के जूनियर अधिवक्ता जावेद खान एवं शोएब खान एडवोकेट के माध्यम से माननीय न्यायालय में अन्तर्गत धारा 173(4) बीएनएसएस प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जिस पर वादी के अधिवक्ता जावेद खान के तर्कों को सुनने के बाद उक्त प्रकरण में न्यायालय द्वारा थानाध्यक्ष बिंदकी को सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर विवेचना किये जाने हेतु आदेशित किया है। इस आदेश के बाद वादी का कहना रहा है कि अब हमको उम्मीद हो गई कि हमको न्याय मिलेगा।

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