महिला महाविद्यालय में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मोह लिया मन
– समाजसेवी ने सामाजिक अनुभवों को साझा कर आत्मनिर्भरता का समझाया मूल्य
फोटो परिचय- गायन कार्यक्रम प्रस्तुत करतीं छात्राएं।
मो. ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज़ फतेहपुर। डॉ भीमराव अंबेडकर राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में गुरूवार को स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक क्लब के तत्वावधान में आयोजित भारतीय संस्कृति के विभिन्न रंग रूपों को संयोजित किए हुए श्रृंखलाओं का आज अंतिम चरण में सांस्कृतिक महोत्सव के अंतर्गत सांस्कृतिक एवं सांगीतिक कार्यक्रम द्वारा भव्य समापन किया गया।
मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी स्नाकोत्तर महाविद्यालय रायबरेली की प्राचार्य डॉ सुषमा देवी, विशिष्ट अतिथि समाजसेवी अशोक तपस्वी रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदे को पुष्पांजलि व दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो गुलशन सक्सेना ने भारतीय संस्कृति एवं पर्यावरण का प्रतीक और स्मृति चिन्ह देकर मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि को सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. प्रशांत द्विवेदी और डॉ. चंद्रभूषण सिंह ने किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रो. सरिता गुप्ता ने विवेकानन्द सांस्कृतिक क्लब के तत्वाधान में चलने वाली लंबी श्रृंखला की एक आख्या प्रस्तुत की। इसी चरण में छात्राओं द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सबका मन मोह लिया। जिसमें गणेश वंदना, कथक नृत्य, सांस्कृतिक परिधानों की प्रस्तुति, कव्वाली व विभिन्न लोकगीतों एवं नृत्य के अंतर्गत छठ गीत, राजस्थानी नृत्य आदि प्रस्तुत किए। कार्यकम की श्रृंखला में विशिष्ट अतिथि अशोक तपस्वी ने छात्राओं को अपने सामाजिक अनुभवों को साझा करते हुए आत्मनिर्भरता का मूल्य समझाया। मुख्य अतिथि डॉ सुषमा देवी ने महाविद्यालय आने पर अपने पूर्व अनुभवों को साझा किया। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रशंसा करते हुए छात्राओं को शुभकामनाए दी। व्यक्तित्व निर्माण के लिए चरित्र निर्माण के महत्व को समझाया। कार्यक्रम के अंत में सांस्कृतिक क्लब के तत्वावधान में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने वाली छात्राओं को मेडल एवं सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ गुलशन सक्सेना के अध्यक्षीय उद्बोधन से हुआ।
जिसमें प्राचार्य ने कार्यक्रमों की सार्थकता पर चर्चा करते हुए महाविद्यालय की पुरानी धरोहर की चर्चा करते हुए सृजित अनुभवों के महत्व को साझा किया। इस अवसर प्रो सरिता गुप्ता, प्रो. मीरा पाल, प्रो. शकुंतला, प्रो लक्षमीना भारती, प्रो. श्याम सोनकर, डॉ चारु मिश्रा, रमेश सिंह, बसंत कुमार मौर्य, डॉ जिया तसनीम, डॉ राज कुमार, आनंद नाथ एवं समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा।