बरेली : कांग्रेसी के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के एक बयान को लेकर बरेली की अदालत में परिवाद दाखिल किया गया है, जिस पर 15 फरवरी को न्यायालय में सुनवाई होगी। राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम की धारा-2 और भारतीय दंड संहिता (बीएनएसएस) की धारा-210/223 के तहत एडवोकेट शिवेंद्र गुप्ता और एडवोकेट कोमल शर्मा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र गुप्ता ने ये परिवाद एमपी-एमएलए कोर्ट में दायर किया गया है जिसमें कहा गया है कि राहुल गांधी का बयान संविधान और देश का अपमान है, जो भारतीय नागरिकों की भावनाओं को आहत करने वाला है।
यह मामला उनके 15 जनवरी को कांग्रेस मुख्यालय ‘इंदिरा भवन’ के उद्घाटन समारोह में दिए गए बयान से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने कथित रूप से कहा था कि “हमारी लड़ाई सिर्फ भाजपा और आरएसएस से नहीं, बल्कि इंडियन स्टेट यानी भारतीय राष्ट्र-राज्य से भी है।” इस बयान को लेकर देश की संप्रभुता और संविधान का अपमान करने का आरोप लगाया गया है। परिवाद में कहा गया है कि श्री राहुल गांधी का बयान संविधान और देश का अपमान है, जो भारतीय नागरिकों की भावनाओं को आहत करने वाला है। उनके इस कथन से देश की एकता और अखंडता को ठेस पहुँची है, जो राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा-2 तहत अपराध है।