PM मोदी- ‘तीसरे टर्म में हम मिशन मोड में हैं, विकसित भारत का संकल्प पूरा करेंगे’

नई दिल्ली: संसद का बजट सत्र आज से शुरू होने जा रहा है। 18वीं लोकसभा के बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरे तीसरे कार्यकाल का ये पहला पूर्ण बजट है। ये बजट सत्र एक नया विश्वास पैदा करेगा और नई ऊर्जा देगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज बजट सत्र की शुरुआत में मैं समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को नमन करता हूं। सदियों से हम ऐसे अवसरों पर मां लक्ष्मी को याद करते आ रहे हैं। मां लक्ष्मी हमें सफलता और बुद्धि प्रदान करती हैं। मैं महालक्ष्मी से प्रार्थना करता हूं कि देश के हर गरीब और मध्यम वर्ग पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहे।”
उन्होंने आगे कहा, “मेरे तीसरे कार्यकाल का ये पहला पूर्ण बजट है। मैं विश्वास से कह सकता हूं कि 2047 में जब आजादी के 100 साल होंगे, तब तक विकसित भारत का जो संकल्प देश ने लिया है, ये बजट सत्र और ये बजट उसमें एक नया विश्वास पैदा करेगा और नई ऊर्जा देगा। 140 करोड़ लोग अपने संकल्प के साथ इस विजन को पूरा करेंगे। अपने तीसरे कार्यकाल में हम मिशन मोड में देश के सर्वांगीण विकास के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आपने देखा होगा, शायद 2014 से लेकर अब तक यह पहला संसद सत्र है, जिसके एक-दो दिन पहले कोई ‘विदेशी चिंगारी’ (विदेशी हस्तक्षेप) नहीं देखी गई, जिसमें किसी विदेशी ताकत ने आग लगाने की कोशिश नहीं की। मैंने हर बजट सत्र से पहले यह देखा था और हमारे देश में कई लोग इन चिंगारियों को हवा देने में कोई कसर नहीं छोड़ते। यह पहला मौका है, जब ऐसी कोई कोशिश नहीं हुई।”
पीएम मोदी ने कहा, “इनोवेशन, समावेश और निवेश लगातार हमारी आर्थिक गतिविधि के रोडमैप का आधार रहे हैं। इस सत्र में हमेशा की तरह कईं ऐतिहासिक बिल पर सदन में चर्चा होगी और व्यापक मंथन के साथ वो राष्ट्र की ताकत बढ़ाने वाले कानून बनेंगे। विशेषकर नारीशक्ति के गौरव को पुनः प्रस्थापित करना, पंथ-संप्रदाय के भेद से मुक्त होकर हर नारी को सम्मानपूर्ण जीवन और समान अधिकार मिले, इस दिशा में इस सत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।”
प्रधानमंत्री ने युवा सांसदों के नाम भी संदेश दिया। उन्होंने कहा, “इस बजट सत्र में सभी सांसद विकसित भारत को मजबूती देने के लिए अपना योगदान देंगे। विशेषकर जो युवा सांसद हैं, उनके लिए तो ये सुनहरा अवसर है। क्योंकि वो सदन में जितनी जागरूकता और भागीदारी बढ़ाएंगे, विकसित भारत के फल उनकी नजर के सामने देखने को मिलेंगे। इसलिए युवा सांसदों के लिए ये एक अनमोल अवसर है। मैं आशा करता हूं कि हम देश की आशा-आकांक्षाओं के इस बजट सत्र में खरे उतरेंगे।”

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