पटेल सेवा संस्थान ने रचनाकारों को दिया साहित्य भारती अवार्ड

शाम-ए-भीम के तहत तारापुर में हुआ कवि सम्मेलन
पटेल सेवा संस्थान ने रचनाकारों को दिया साहित्य भारती अवार्ड
फोटो परिचय-  कवि एवं साहित्यकार शिवशरण बंधु हथगामी को सम्मानित करते अतिथि।
अजय सिंह अज़रा न्यूज़ -फतेहपुर। शाम-ए-भीम के अंतर्गत बिन्दकी तहसील के असवार तारापुर में दूसरा अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें रचनाकारों ने अपनी रचनाओं से बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को शब्दांजलि अर्पित की। कवियों ने एक से बढ़कर एक रचनाएं सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके पहले रचनाकारों को प्रतीक चिन्ह एवं अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। अध्यक्षता वरिष्ठ कवि रामावतार गुप्त ने की जबकि संचालन जाने-माने कवि सत्येंद्र पटेल प्रखर ने किया। पटेल सेवा संस्थान के सचिव चंद्रभान यादव ने आभार जताया। सपा नेता सुशील कुमार दोषी ने रचनाकारों का उत्साहवर्धन किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ तथागत भगवान बुद्ध, ज्योतिबा राव फुले एवं बाबा साहब की प्रतिमा पर मुख्य अतिथियों द्वारा माल्यार्पण के साथ हुआ। तथागत बुद्ध की वंदना भी हुई। रामावतार गुप्त ने अपने वक्तव्य में काव्य पाठ भी किया। वरिष्ठ रचनाकार दोहा सम्राट राम अवतार गुप्त ने तथागत बुद्ध की आराधना करते हुए पढ़ा पीपल नीचे पुन पुन तट पर, पाया ज्ञान अपार, उनकी हम सब शुद्ध हृदय से करते जय जय कार। पहले कवि के रूप में युवा कवि उन्नाव के सन्नी पटेल ने बाबा साहब पर शानदार गीत प्रस्तुत किया। कवि एवं शायर शिव शरण बंधु हथगामी का बाबा के नाम चिट्ठी की पंक्ति दलित और पिछड़ों का जीवन कैसे बदले भाई, तिलक लगाकर घूम रहे हैं बाबा के अनुयाई, खूब पसंद किया गया। लगभग पांच साल की बच्ची वैष्णवी गौतम जब नन्हे हाथों से कुछ पैसे लेकर कवि को देने आई तो माहौल बेहद भावुक हो गया। उस समय श्री बंधु की आंखों में भी आंसू आ गए। कामिनी देवी ने भी काव्य पाठ किया। कवि एवं कार्यक्रम के संयोजक सत्येंद्र पटेल प्रखर ने शानदार संचालन के साथ-साथ पढ़ा-संविधान निर्माण भूमिका पूछ रही आवाम, डॉक्टर भीमराव जी नाम डॉक्टर भीमराव जी नाम। डॉ मान सिंह मान उन्नाव ने पढ़ा-अब शहर में विश्व मिलाया जा रहा है मुल्क को मजहब पिलाया जा रहा है। शिवम हथगामी ने पढ़ा हर साल की तरह से अब के साल रहेगा, सूरज की तरह माटी का ये लाल रहेगा। प्रतापगढ़ से आए वीर रस के कवि लवलेश यदुवंशी ने पढ़ा-युग सृष्टा, दृष्टा, उद्धारक, विधिवेत्ता कहलाने वाले, कर्तव्यों और अधिकारों का जन-जागरण कराने वाले। रायबरेली से आए हास्य के सशक्त हस्ताक्षर संदीप शरारती ने पढ़ा-प्यार अब होने लगा है पैक के दो घूंट पर, लोग भी विश्वास अब करने लगे हैं झूठ पर, खूबसूरत सास जब मिलती किसी दामाद को, तब मोहब्बत रेल सी चलती है उल्टे रूट पर। इस मौके पर भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष राजेश पाटिल, चंद्रभान यादव, अनिल गौतम, नवल गौतम, संदीप रावत, रामकुमार गौतम, पंकज रावत, राजू पटेल, आशीष सिंह, रजोले पासवान, अनिल पासवान, करन गौतम, महादेव अंबेडकर, केपी कोरी, सुशील पटेल दोषी आदि ने रचनाकारों का हौसला बढ़ाया। सभी रचनाकारों को पटेल सेवा संस्थान की ओर से साहित्य भारती सम्मान से नवाजा गया।

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