जम्मू: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री Omar Abdullah ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए सोमवार को स्वीकार किया कि वह पर्यटकों के लिए सुरक्षित वापसी मुहैया कराने की अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहे। उन्होंने कहा, उन परिवारों से माफी मांगने के लिए मेरे पास अल्फाज नहीं हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह इस मौके का इस्तेमाल पूर्ण राज्य का दर्जा मांगने के लिए नहीं करेंगे।
यह दोहराते हुए कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की जिम्मेदारी चुनी हुई सरकार के अधीन नहीं है, उमर ने कहा, ‘मैं आज इस अवसर का इस्तेमाल राज्य का दर्जा मांगने या किसी अन्य राजनीतिक लाभ के लिए नहीं करना चाहता। मेरी राजनीति इतनी सस्ती नहीं है।’
पहलगाम में पिछले सप्ताह बर्बर आतंकवादी हमले में पर्यटकों की हत्या पर दुख एवं पीड़ा व्यक्त करते हुए विधानसभा ने प्रस्ताव पारित किया गया। उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी की तरफ से पेश इस प्रस्ताव में सांप्रदायिक सद्भाव एवं प्रगति को बाधित करने की कोशिश करने वालों के नापाक इरादों को दृढ़ता से हराने का संकल्प लिया गया। प्रस्ताव में कहा गया, ‘यह सदन इस जघन्य और कायरतापूर्ण कृत्य की स्पष्ट रूप से निंदा करता है, जिसके परिणामस्वरूप निर्दोष लोगों की जान गयी। इस तरह के आतंकी कृत्य कश्मीरियत के मूल्यों पर सीधा हमला हैं।’
सदन में चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक… अरुणाचल से गुजरात तक और जम्मू-कश्मीर से केरल तक पूरा देश इस हमले से प्रभावित हुआ है। हमें लगता था कि इस तरह के हमले अतीत की बात हो गए हैं। दुर्भाग्य से, इस हमले ने ऐसी स्थिति को फिर से पैदा कर दिया है, जिसे हम पीछे छोड़ देने की उम्मीद कर रहे थे। हम कभी नहीं जानते कि ऐसा कोई और हमला कब हो सकता है।’