नयी दिल्ली: भारतीय नौसेना के लिए फ्रांस से 26 राफेल-मरीन लड़ाकू विमान खरीदे जाएंगे। इसके लिए भारत और फ्रांस ने सोमवार को करीब 64,000 करोड़ रुपये के अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस समझौते में राफेल विमान के ढांचे के लिए उत्पादन सुविधा स्थापित करने के साथ-साथ भारत में विमान के इंजन, सेंसर और हथियारों के रखरखाव, मरम्मत, ओवरहालिंग सुविधाओं की स्थापना का प्रावधान है।
बयान में कहा गया कि इस समझौते से भारत में स्वदेशी हथियारों के एकीकरण के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में भी मदद मिलेगी। इन विमानों की आपूर्ति 2030 तक पूरी हो जाएगी। इसके चालक दल को फ्रांस और भारत में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा खरीद को मंजूरी दिए जाने के तीन सप्ताह बाद इस बड़े सौदे पर मुहर लगी। इस सौदे के तहत भारतीय नौसेना को राफेल विमानों के निर्माता दसॉ एविएशन से हथियार प्रणाली और कलपुर्जे सहित संबंधित सहायक उपकरण भी मिलेंगे।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इन विमानों के शामिल होने से भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोतों की मारक क्षमता में काफी वृद्धि होगी। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस के सशस्त्र बल मंत्री सेबेस्टियन लेकॉर्नू ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।