लोकसभा में मतविभाजन के बाद वक़्फ़ संशोधन विधेयक पारित

नयी दिल्ली : Lok Sabha ने मत विभाजन के बाद वक़्फ संपत्तियों की देखरेख और उसके प्रबंधन को व्यवस्थित करने वाले “वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक 2025” को बुधवार को पारित कर दिया। मत विभाजन के बाद अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा “शुद्धि के तहत मतविभाजन ने विधेयक के पक्ष में 288 और विरोध में 232 मत पड़े। बहुमत प्रस्ताव की पक्ष में है।”

 

आरएसपी के प्रेमचंद्रन ने संशोधन प्रस्ताव पर फिर मतविभाजन मांगा जिसके पक्ष में 231 और विरोध में 288 मत पड़े। मतविभाजन के बाद श्री प्रेमचंद का प्रस्ताव गिर गया। एक अन्य संशोधन में हुए मतविभाजन के पक्ष में 288 मत और विपक्ष में 232 मत पड़े है।

इससे पहले अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने विधेयक पर करीब 11 घंटे हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि वक़्फ़ से संबंधित कई विवादित मामले लंबित पड़े हैं जिसके कारण लोग अत्यंत पीड़ित है और यह सब इसलिए हुआ क्योंकि वक़्फ़ संपति का प्रबंध सही तरीके से नहीं हो रहा था इसलिए सरकार वक़्फ़ संपति के संचालन को व्यवस्थित बनाने करने के लिए सरकार यह संशोधन विधेयक लेकर आई है।

Lok Sabha कुछ सदस्यों की इन टिप्पणियों पर आपत्ति व्यक्त की कि कलेक्टर को वक़्फ़ संपत्ति के निर्धारण का प्रभारी नहीं होना चाहिए। उनका कहना था कलेक्टर जिले का अधिकारी होता है और जिले की व्यवस्था को देखता है इसलिए उसे यह अधिकार देना उचित कदम है।

Lok Sabha कुछ सदस्यों की इन टिप्पणियों पर आपत्ति व्यक्त की कि कलेक्टर को वक़्फ़ संपत्ति के निर्धारण का प्रभारी नहीं होना चाहिए

वक़्फ़ संपत्ति को मुसलमानों का धार्मिक मामला बताने और गैर मुसलमान को वक़्फ़ बोर्ड में शामिल करने पर सदस्यों की आपत्ति पर उन्होंने कहा कि इसका जवाब गृहमंत्री अमित शाह पहले दे चुके हैं कि यह सब अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए है।

भाजपा पर मुस्लिम विरोधी होने के सदस्यों के आरोप को निराधार बताते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार देश हित मे और अल्पसंख्यकों के हित के लिए हर कदम उठा रही है। उनका कहना था कि हाथ में तिरंगा लेकर देश विरोधी नारे लगाना देशभक्त का काम नहीं होता है।

उन्होंने अल्पसंख्यकों की देश में सुरक्षित नहीं होने के आरोप को भी गलत बताया और कहा देश का हर नागरिक भाजपा सरकार में सुरक्षित है। उनका कहना था कि इस विधेयक का चारों तरफ समर्थन हो रहा है और देश के अल्पसंख्यकों तथा हर नागरिक को शांति से जीने का अधिकार है और उनके इस अधिकार को सरकार सुनिश्चित करेगी।

 

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