भारत-कतर की दोस्ती हुई मजबूत, समझौते पर हस्ताक्षर; ऊर्जा क्षेत्र में भी मजबूत होगी साझेदारी

नई दिल्ली-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने मंगलवार को भारत-कतर संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत व्यापार, ऊर्जा, निवेश, इनोवेशन, टेक्नोलॉजी, खाद्य सुरक्षा, संस्कृति और लोगों के बीच संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। दोनों नेताओं ने नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में व्यापक चर्चा की और आपसी हितों के क्षेत्रीय, वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी संबंध स्थापित करने के अलावा, दोनों पक्षों ने दोहरे कराधान से बचने और आयकर के संबंध में राजकोषीय चोरी की रोकथाम पर समझौते भी किया। इससे पहले, अमीर का राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत किया गया। उनके साथ मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल सहित एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक विशेष सम्मान के तौर पर सोमवार शाम को पालम स्थित वायुसेना स्टेशन का दौरा किया और अमीर की अगवानी की। मार्च 2015 के बाद यह उनकी दूसरी यात्रा थी।
शेख तमीम बिन हमद अल थानी की अगवानी के बाद प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा, “अपने भाई, कतर के अमीर महामहिम शेख तमीम बिन हमद अल थानी का स्वागत करने के लिए हवाई अड्डे गया। भारत में उनके सफल प्रवास की कामना करता हूं और कल हमारी मुलाकात का इंतजार कर रहा हूं।” अमीर ने गर्मजोशी भरे स्वागत और उदार आतिथ्य के लिए प्रधानमंत्री, भारत सरकार और भारत के मैत्रीपूर्ण लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों की गहराई का उल्लेख किया और इस बात पर जोर दिया कि भारत कतर राज्य के सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक साझेदारों में से एक है। प्रधानमंत्री मोदी का सभी खाड़ी देशों के साथ दीर्घकालिक, ऐतिहासिक और घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देने पर विशेष जोर रहा है। पिछले 10 वर्षों में मध्य पूर्व क्षेत्र के कई देशों के साथ भारत के संबंध उन्नत, गहरे और मजबूत हुए हैं। दिसंबर में, प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत का दौरा किया। 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा प्रमुख पश्चिम एशियाई देश का यह पहला दौरा था। खाड़ी देश भारत के लिए प्रमुख व्यापार और निवेश साझेदार हैं, और नई दिल्ली की इन देशों के साथ मजबूत ऊर्जा साझेदारी भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार यूएई का भी दौरा किया। मई 2022 में शुरू किए गए यूएई-भारत व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) ने आर्थिक और व्यापार सहयोग को इस तरह से बढ़ावा दिया, जो दोनों देशों के राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों का समर्थन करता है।

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