ऐरायां ब्लाक में किसान गोष्ठी व कृषि निवेश मेले का आयोजन

ऐरायां ब्लाक में किसान गोष्ठी व कृषि निवेश मेले का आयोजन
ब्लाक प्रमुख ने कृषि में हो रहे सुधार व योजनाओं की दी जानकारी
फोटो परिचय- किसान गोष्ठी में भाग लेते किसान।
मो. ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज़ खागा, फतेहपुर। ऐरायां ब्लाक परिसर में आयोजित किसान गोष्ठी व कृषि निवेश मेले का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि ब्लाक प्रमुख अनुज प्रताप ने की। उहोंने कृषि में हो रहे सुधार और योजनाओं की जानकारी दी। बीडीओ अशोक सिंह ने भी किसानों को योजनाओं के बारे में बताया। कृषि विभाग के एडीओ कृषि देवदार मिश्रा ने किसानों को संबोधित करते हुए कृषि उत्पादन में आधुनिक तकनीकों और वैज्ञानिक तरीकों के महत्व को रेखांकित किया। विशेषज्ञों ने बताया कि पारंपरिक खेती के साथ-साथ आधुनिक तकनीक अपनाने से किसानों की उपज में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।
विशेषज्ञों ने बताया कि उन्नत बीज, जैविक खाद और आधुनिक सिंचाई प्रणालियों का उपयोग खेती की उत्पादकता बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही, किसानों को फसल चक्र (क्रॉप रोटेशन) और मिश्रित खेती के फायदों की जानकारी दी गई। उदाहरण के तौर पर, गन्ने और दलहनी फसलों को साथ उगाने से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और फसल उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है। गोष्ठी में किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई। कृषि विभाग के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, फसल बीमा योजना, और किसान क्रेडिट कार्ड के लाभों के बारे में विस्तार से बताया। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना और खेती में आने वाले जोखिमों को कम करना है। इसके अलावा, किसानों को कृषि यंत्रों पर मिलने वाली सब्सिडी और ड्रिप सिंचाई, स्प्रिंकलर आदि तकनीकों के लिए सरकारी सहायता की भी जानकारी दी गई। किसानों को बताया कि वे इन योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी लागत कम कर सकते हैं और उत्पादन बढ़ा सकते हैं। निवेश मेले में विभिन्न कृषि उपकरणों और मशीनरी का प्रदर्शन किया गया। ट्रैक्टर, पावर टिलर, हार्वेस्टर, और अन्य उपकरणों को किसानों को दिखाया गया। इनके प्रदर्शन के दौरान विशेषज्ञों ने इनका उपयोग और फायदे समझाए। किसानों को यह जानकारी दी गई कि किस प्रकार आधुनिक उपकरण खेती को आसान और अधिक लाभकारी बना सकते हैं। किसानों ने इसे बहुत उपयोगी और प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम न केवल उनकी जानकारी में वृद्धि करते हैं, बल्कि उन्हें खेती के प्रति एक नई दृष्टि और उत्साह भी प्रदान करते हैं।

 

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