किसानों को अधिकार दिए जाने को लेकर गरजे कामरेड

 किसानों को अधिकार दिए जाने को लेकर गरजे कामरेड
– एडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
फोटो परिचय- एसडीएम को ज्ञापन सौंपते खेत मजदूर यूनियन के पदाधिकारी।
मो. ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज़ खागा, फतेहपुर। उत्तर प्रदेश खेत मजदूर यूनियन जिला काउंसिल ने पार्टी के आवाहन पर विभिन्न मांगों का उप जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। जिसमें खेत मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष सुमन सिंह चौहान व महामंत्री रामकृष्ण हेगड़े क्रांति अध्यक्ष की अगुवाई में यूनियन के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए उप जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया।


मांग की गई कि जातिगत जनगणना कराई जाए, विद्युत नियामक बिल 2022 वापस लिया जाए, इसकी शाखों में जाने वाले अधिकारियों कर्मचारियों के सरकार के आदेश को वापस लिया जाए, बटाईदार किसानों को किसानों का दर्जा दिया जाए, मनरेगा के तहत काम करने वाली महिलाओं को सुरक्षा व्यवस्था खेत मजदूर को 55 वर्ष की उम्र में 5000 प्रतिमा पेंशन सभी खेत मजदूर को मनरेगा के तहत 200 दिन का काम, मनरेगा में कार्यरत सभी खेत मजदूर को शुद्ध पानी के पीने की व्यवस्था, मनरेगा में खेत मजदूर को कार्यस्थल पर निधन और ऊपर आश्रित परिवार को 10 लख रुपए की आर्थिक सहायता दलितों आदिवासियों पर संयोजित तरीके से किया जा रहे हम लोग पररॉक दलित अत्याचार अधिनियम को कड़ाई से लागू करने संप्रदाय को जात विशेष को चिन्हित करके मन लिंचिंग हॉकी हत्याओं की घटनाओं पर रोक लगाने में साहस बढ़ती महंगाई पर रोक लगाने हार्दिक राशि अधिकार मान्यता कानून को पढ़ाई से साथ लागू करने उपेक्षितों और वंचितों पर लगातार पेशाब करने की घटनाओं को अंजाम देकर मानवता को संसार करने से रोकने खेत मजदूर को पक्का आवास के लिए 15 डिसमिल भूमि देने आवास के लिए 500000 देने किसानों के लिए एसपी की गारंटी सुनिश्चित करने समयनाथन आयोग की सिफारिश को लागू करने नई शिक्षा नीति 2020 को तत्काल वापस लेने दलितों आदिवासियों महिलाओं और अल्पसंख्यकों के सामाजिक सुरक्षा की गारंटी किसानों को डीएपी खाद मुहैया कराने सहित विश्व स्तरीय मांगों का ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से अमृत फूलचंद पाल, रामप्रकाश, मोतीलाल, जंग बहादुर सिंह, शिवनारायण साहू, अशोक मौर्य, मूलचंद, कामता प्रसाद, शंभू प्रसाद निषाद, कयामुद्दीन, खुर्शीद आदि तमाम कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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