मगफिरत का अशरा शुरू, ज्यादा से ज्यादा करें इबादत

   मगफिरत का अशरा शुरू, ज्यादा से ज्यादा करें इबादत
रोजा न रखने वाला अक्लमंद बालिग मुसलमान गुनेहगार
फोटो परिचय-  काजी शहर कारी फरीद उद्दीन।
मो. ज़र्रेयाब खान अज़रा न्यूज़ फतेहपुर। रमजान माह का दूसरा अशरा बुधवार से शुरू हो गया है। दूसरे अशरे पर काजी शहर मौलाना कारी फरीद उद्दीन कादरी ने कहा कि मगफिरत वाले इस अशरे में ज्यादा से ज्यादा इबादत करके अपने परवरदिगार को याद करें क्योंकि पैगम्बरे इस्लाम ने इरशाद फरमाया कि शाबान मेरा महीना है और रमजान अल्लाह तआला का महीना है। लिहाजा जो बंदा पूरे माह के रोजे रखता है तो अल्लाह तआला उसके गुनाहों को बक्श देता है और रोजदार जन्नत (स्वर्ग) का हकदार हो जाता है।
शहरकाजी ने कहा कि जो आकिल (अक्लमंद) बालिग मुसलमान रोजा नहीं रखता वह गुनेहगार है और रमजान का रोजा एक भी जान बूझकर छोड़ता है तो वह पूरी जिन्दगी रोजा रखे तो भी छोड़े हुए एक रोजे की भरपाई नहीं कर सकता क्योंकि पैगम्बरे इस्लाम ने इरशाद फरमाया कि जो मुसलमान बगैर शरई उज्र के एक भी रोजा छोड़ता है तो वह गुनेहगार होगा लिहाजा नमाज की पाबंदी के साथ-साथ रोजे भी पाबंदी से रखें क्योंकि इस माह में अल्लाह के नजदीक रोजे से बढ़कर कोई इबादत नहीं है। रमजान माह में जन्नत यानी (स्वर्ग) के दरवाजे अल्लाह के बंदों के लिए खोल दिये जाते हैं। शहरकाजी ने कहा कि मालदारों को चाहिए कि वह बेवा, गरीब, यतीम, मिस्कीन जो अपने बच्चों के खाने-पीने का अच्छा इंतजाम नहीं कर सकते उन पर खुसूसी तवज्जो दें। उन्होंने सभी धर्मों के लोगों से अपील किया कि आने वाले सभी त्योहारों को मिलजुल कर मनाएं और समाज मे अमनो शांति का पैगाम दें।

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