मांगों को लेकर आशा व संगिनियों ने दिया धरना
– जुलूस की शक्ल में नारेबाजी कर कलेक्ट्रेट पहुंचकर पीएम को भेजा ज्ञापन
फोटो परिचय- नहर कालोनी से जुलूस के रूप में कलेक्ट्रेट जातीं आशा व संगिनी।
मो. ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज़ फतेहपुर। आशा व आशा संगिनी वर्कर्स को राज्य कर्मचारी घोषित किए जाने सहित अन्य ग्यारह सूत्रीय मांगों को लेकर आशा/आशा संगिनी कर्मचारी संगठन ने नहर कालोनी में धरना दिया तत्पश्चात जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए कर्मचारी कलेक्ट्रेट पहुंची और जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजकर मांगों को पूरा किए जाने की आवाज उठाई।
आशा/आशा संगिनी कर्मचारी संगठन की अध्यक्ष रानी पटेल की अगुवई में आशा व संगिनी ने नहर कालोनी में धरना दिया। धरने को संबोधित करते हुए रानी पटेल ने कहा कि देश में लगभग ग्यारह लाख आशा वर्कर्स व लगभग एक लाख आशा संगिनी वर्कर्स कार्यरत हैं। इसमें से उत्तर प्रदेश में लगभग दो लाख आशा व दस हजार आशा संगिनी ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में लोगों के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, सर्वे, टीकाकरण, स्वच्छता, जच्चा-बच्चा देखभाल संस्थागत प्रसव कराने के अलावा केंद्र व राज्य सरकार की संचालित योजनाओं में कार्यरत हैं। कोविड के दौरान भी आशा व संगिनी ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी, इसके बावजूद उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है। धरने के पश्चात कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में मांग उठाई कि आशा व संगिनी वर्कर्स को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, आशा संगिनी वर्कर्स को माह में बीस दिन के बजाए तीस दिन का कार्य दिया जाए, निःशुलक बीमा किया जाए व दुर्घटना में मृत्यु होने पर पन्द्रह लाख रूपए का भुगतान मुआवजा के रूप में दिया जाए, रिटायरमेन्ट बेनिफिट के रूप में एकमुश्त दस लाख का भुगतान किया जाए, अनुभवी आशा व संगिनी को टीकाकरण के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए, उम्र का बंधन हटाते हुए योग्यताधारी आशा संगिनी को एएनएम व आशा को आशा संगिनी के पद पर पदोन्नति प्रदान की जाए, कर्मचारियों को विजिट हेतु इलेक्ट्रिक स्कूटी प्रदान की जाए, प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री आवास सुविधा का लाभ दिया जाए, सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लेते हुए ईपीएफ व ईएसआई का लाभ प्रदान किया जाए, सुपरवाइजर का दर्जा दिया जाए व टेबलेट व लैपटाप सरकार द्वारा मुहैया कराया जाए। इस मौके पर रेनू सिंह, बदरून निशा, नीलम गुप्ता, सुधा देवी भी मौजूद रहीं।