800 साल पुराने असताना गरीब नवाज़ पर सभी धर्मों की आस्था – काज़ी शहर फरीदुद्दीन

  सभी धर्मों के लिए जियारतगाह है गरीब नवाज का आस्ताना

आलमी सतह की दरगाह के नीचे मंदिर होने के दावे पर रोक लगाए जाने की उठायी आवाज़

– काजी शहर ने दरगाह के नीचे मंदिर होने के दावे पर रोक लगाने की उठाई मांग
फोटो परिचय- काजी शहर फरीद उद्दीन।
मो. ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज़ फतेहपुर। ख्वाजा गरीब नवाज का आस्ताना आलमी सतह पर हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई सभी धर्मों के लिए जियारत गाह और अकीदतमंदो की मुराद पूरी होने का मरकज है। इस दरगाह पर फित्ना अंगेजी (शरारत करना) और शर पसन्दी दुनिया के तमाम लोगों के लिए उमुमन और आलमे इस्लाम पर खुसुसन दिल अजारी का सबब है।
काज़ी शहर कारी फरीद उद्दीन कादरी ने कहा कि हुकुमते हिंद को चाहिए कि साबिक हुक्मरा जैसे जवाहर लाल नेहरू और दीगर लीडरान के तरीके कार को अपनाते हुए इसकी हिफाज़त और इन्तेजाम किया हर मुमकिन जिम्मेदारी को निभाए और शहजोरो के जरिए दरगाह पर बाला दस्ती को रोक कर मुल्क व दुनिया के अमनो अमान को कायम रखे। काज़ी शहर श्री कादरी ये भी कहा कि दरगाह अजमेर शरीफ या दीगर इबादतगाहों की हिफाज़त की जिम्मेदारी आइने हिंद के मुताबिक़ हुकुमत की होती है। हमें पूरी उम्मीद है कि हुकुमत ए हिंद जरूर इस दरगाह और दीगर इबादत गाहों कीं हिफाज़त के साथ साथ मुल्क मे अमनों शांति और भाईचारे को बरकार रखेगी इसलिए हमारा वजीरे आजम नरेंद्र मोदी सादर जमहुरिया ए हिंद द्रौपदी मुर्मु, सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस से यह मुतालबा है कि इस तरह दरगाह के नीचे मंदिर होने का दावा करने के इस सिलसिले पर रोक लगाने के लिए कदम उठाएं।

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