आचार्य डा. रामकृपाल मिश्रा को अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंटकर किया सम्मानित

  सूर्य विराजे उत्तरायण में राम बिराजे अपने धाम
– आचार्य डा. रामकृपाल मिश्रा को अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंटकर किया सम्मानित
फोटो परिचय-आचार्य डा. रामकृपाल मिश्रा को अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित करते अतिथि।
मो. ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज़ फतेहपुर। साहित्य भारती भदबा के तत्वावधान में गीता जयंती के अवसर एवं डॉक्टर हरि प्रसाद शुक्ल अकिंचन की 7 वीं पुण्यतिथि पर स्वामी अकर्माचार्य की तपोभूमि में श्रीमद्भगवत गीता के श्लोकों में हवन पूजन के बाद सामुदायिक मिलन केंद्र में सारस्वत अभिनंदन एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
आचार्य डॉक्टर रामकृपाल मिश्रा उज्ज्वल को साहित्य भारती के अध्यक्ष ओमप्रकाश शुक्ल प्रणव, डॉक्टर अवनीश शुक्ल, प्रभात शुक्ल, सनत कुमार शुक्ल ने अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता सत्यानंद शुक्ल ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में कवि रामसजीवन मिश्र निर्मल मौजूद रहे। बाद में उपस्थित कवियों ने काव्य पाठ कर सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम में आए कवियों के सम्मान के बाद काव्य पाठ का सिलसिला शुरू करते हुए कवि डॉ. गया प्रसाद सनेही ने पढ़ा हमने चाहा फंसाना मगर फंस गए,चांदनी रात में तस्करों की तरह। मधुसूदन दीक्षित ने पढ़ा हो गया पथभ्रष्ट चला जा रहा हूं, मिल रहा जो भी निगलता जा रहा हूं। अभिनंदित आचार्य डॉ. रामकृपाल मिश्र उज्ज्वल ने पढ़ा गीता के उपदेश में, है वेदों का सार श्रवण, मनन जिसने किया उसका बेड़ा पार। प्रोफेसर डॉ अश्वनी कुमार शुक्ल ने पढ़ा सदियों रहे वाट जोहते हुआ पूर्ण वह काम, सूर्य विराजे उत्तरायण में राम बिराजे अपने धाम। शिवशरण सिंह चैहान अंशुमाली ने पढ़ा ओ अकिंचन हृदय आओ रूप रखना चाहता हूं, सर्जनाएं आपकी मैं पुनः पढ़ना चाहता हूं। गीता जयंती पर्व पर साहित्यकारों का मिलन, आशीर्वचन के रूप में कुछ गीत सुनना चाहता हूं। ओमप्रकाश शुक्ल प्रणव ने पढ़ा सफलता सिर चढ़ने लगे तो पातन तय है, बहुत इतरा के चले तो दफन तय है। यश मिले तो संभाल कर रखना, आतंक फैलाया तो कफन तय है। डॉक्टर गया प्रसाद सनेही व्याकरणाचार्य सत्यानंद शुक्ल, राम औतार गुप्त, केपी सिंह कछवाह, दीपचंद्र गुप्त दीप, रामकुमार गुप्त नलिन ने भी अपनी कविताएं पढ़ मौजूद श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्रीराम शुक्ल, रामस्वरूप सिंह परिहार, विजय सिंह परिहार, राजबहादुर यादव, राजू मिश्रा, अवधेश अवस्थी, महेंद्र मिश्र सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *