वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया होगी शुरू

नयी दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को कहा कि मतदाता पहचान पत्रों को आधार से जोड़ने का काम मौजूदा कानून और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार किया जाएगा। उसने कहा कि इस प्रक्रिया के लिए यूआईडीएआई और उसके विशेषज्ञों के बीच तकनीकी परामर्श जल्द शुरू होगा।

निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने के मुद्दे पर केंद्रीय गृह सचिव, विधायी सचिव (कानून मंत्रालय में), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव और यूआईडीएआई के सीईओ के साथ बैठक की। सरकार ने अप्रैल 2023 में एक लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि आधार के विवरणों को मतदाता पहचान पत्रों से जोड़ने का काम शुरू नहीं हुआ है। सरकार ने आश्वस्त किया है कि जो लोग अपने आधार विवरण को मतदाता सूची से नहीं जोड़ेंगे, उनके नाम मतदाता सूची से नहीं हटाए जाएंगे। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी बयान में कहा कि संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, मताधिकार केवल भारत के नागरिक को ही दिया जा सकता है, जबकि आधार केवल व्यक्ति की पहचान स्थापित करता है। कानून मतदाता सूचियों को स्वैच्छिक रूप से आधार से जोड़ने की अनुमति देता है।

‘बूथवार मत प्रतिशत आंकड़ों के लिए बातचीत को तैयार’
सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग की उस दलील पर गौर किया जिसमें आयोग ने कहा कि वह अपनी वेबसाइट पर बूथवार मत प्रतिशत आंकड़ा अपलोड करने की मांग पर विचार-विमर्श के लिए तैयार है। कोर्ट ने 10 दिन में प्रतिवेदन देने को कहा। प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और 2019 में गैर सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ द्वारा दायर दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। जनहित याचिकाओं में निर्वाचन आयोग को मतदान समाप्त होने के 48 घंटे के भीतर बूथवार मत प्रतिशत आंकड़ा अपलोड करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *