रबी फसलों में लगने वाले कीट रोग से बचाव के दिए टिप्स
मो. ज़र्रेयाब खान अज़रा न्यूज़ फतेहपुर। जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि वर्तमान समय में मौसम परिवर्तन के कारण रबी फसलों में लगने वाले सम-सामयिक कीट रोग की संभावना बढ़ गई है। जिसके दृष्टिगत रखते हुए बचाव एवं प्रबंधन हेतु कृषकों के मध्य व्यापक प्रचार-प्रसार कर जागरुकता की आवश्यकता है।
उन्होने बताया कि गेहूं में दीमक/गुजिया खड़ी फसल में दीमक गुजिया के नियंत्रण हेतु क्लोरोपायरिफॉस 20 प्रतिशत ईसी 2.5 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से सिंचाई के पानी के साथ प्रयोग करना चाहिए। माहू फीट के जैविक नियंत्रण हेतु एजाडिरक्टिन (नीम तेल) 0.15 प्रतिशत ईसी 2.5 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 500 से 600 लीटर पानी में घोनकर छिडकाव करना चाहिए। रासायनिक नियंत्रण हेतु ईमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एसएल की एक एमएन मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बना कर छिड़काव करें। पीली गेरुई के नियंत्रण हेतु प्रोपिकोनाजोल 25 प्रतिशत ईसी 500 मिनी प्रति हेक्टेयर की दर से लगभग 600 से 700 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए। पत्ती धब्बा रोग के नियंत्रण हेतु पायोफिनेट मिथाइल 70 प्रतिशत डबल्यूपी 700 ग्राम अथवा मैन्कोजेब 75 प्रतिशत डबल्यूपी 2 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से 600 से 700 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए। उन्होने बताया कि सरसों व राई की फसल में माहू कीट के जैविक नियंत्रण हेतु एजाडिरक्टिन (नीम तेन) 0.15 प्रतिशत ईसी 2.5 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 500 से 600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए। रासायनिक नियंत्रण हेतु ईमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एसएल की एक एमएन मात्रा प्रति ली० पानी में घोल बना कर छिड़काव करे। आरा मक्खी/बालदार सूँडी में प्रति पौधा एवं बालदार सूँडी 10 में 15 प्रतिशत प्रकोपित पत्तियां दिखाई देने पर आर्थिक क्षति स्तर मानते हुए मैलाथियान 50 प्रतिशत ईसी की 1.5 लीटर अथवा क्यूनालफॉस 25 प्रतिशत इसी की 1.25 नीटर मात्रा को 500 से 600 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। पत्ती सुरंगक (लीफ माइनर) के जैविक नियंत्रण हेतु एजाहिरक्टिन (नीम तेल) 0.15 प्रतिशत ईसी 2.5 लीटर पानी प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग किया जा सकता है। कीट के रासायनिक नियंत्रण हेतु ऑक्सिडीमेटोन मिथाइल 25 प्रतिशत ईसी अथवा क्लोरपायरीनफास 20 प्रतिशत ईसी की एक लीटर की मात्रा को प्रति हेक्टेयर की दर से 600 से 750 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
रबी फसलों में लगने वाले कीट रोग से बचाव के दिए टिप्स
