अडानी के लिए सीमा नियमों का उल्लंघन कर रही सरकार कांग्रेस

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार अपने चहेते उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए भारत-पाकिस्तान सीमा के नजदीक ऊर्जा परियोजना का काम देकर देश की सुरक्षा को खतरे में डाल रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि राष्ट्रवाद की बात करने वाले अपने मित्र अरबपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए देश की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सीमा से महज एक किलोमीटर दूर उद्योगपति अडानी को देश की सबसे बडी सौर ऊर्जा परियोजना सैन्य विशेषज्ञों की सलाह को अनदेखा करके सुरक्षा मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है। श्री खरगे ने कहा,”भाजपा का छद्म राष्ट्रवाद चेहरा एक बार फिर बेनकाब हुआ है। अपने चहेते अरबपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है।”
उन्होंने सवाल किया,”क्या यह सच है कि आपने सीमा सुरक्षा नियमों में ढील देकर अपने ‘प्रिय मित्र’ को पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सिर्फ एक किमी की बहुमूल्य रणनीतिक भूमि उपहार में दी है। क्या यह सच नहीं है कि आपकी सरकार ने न केवल भारत-पाकिस्तान सीमा पर, बल्कि बंगलादेश, चीन, म्यांमार और नेपाल से लगी भूमि पर भी ऐसे नियमों में ढील दी है, जिससे हमारी सामरिक और सीमा सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। याद रखें, यह आप ही हैं जिन्होंने कहा था कि ‘कोई भी हमारे क्षेत्र में नहीं घुसा’ जब देश के 20 बहादुरों ने लद्दाख में चीन से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया था। यदि खदानें बिछाने, टैंक रोधी और कार्मिक रोधी तंत्र स्थापित करने की आवश्यकता हो तो तब क्या होगा। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पूछा है कि आक्रामक और रक्षात्मक अभियानों में स्थान को कम करने की अवधारणा आश्चर्य पैदा करती है।” श्री खरगे ने यह भी पूछा,“ भारत-पाकिस्तान सीमा के पास एक निजी उद्योपति को सौर ऊर्जा परियोजना की अनुमति देने का क्या औचित्य है। हमारे सशस्त्र बलों की रक्षा जिम्मेदारियां बढ़ेंगी और उनके रणनीतिक लाभ कम होंगे।”
कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा,”प्रधानमंत्री की प्राथमिकता सीमाओं को सुरक्षित करना नहीं,अडानी का खजाना भरना है। मोदी सरकार का भाईचारा हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा है। देश की सबसे बड़ी सौर परियोजना को पाकिस्तान सीमा से मुश्किल से एक किमी दूर बनाने की अनुमति देना बेहद खतरनाक है और सभी स्थापित सैन्य मानदंडों के खिलाफ है। चौंकाने वाली बात यह है कि भाजपा की गुजरात सरकार और केंद्र ने अडानी को यह परियोजना सौंपने के लिए सैन्य अधिकारियों को समझाने और मनाने के लिए गुप्त बैठकें कीं। वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की उपेक्षा की है। प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को बताना चाहिए कि हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने वाला इतना कठोर कदम क्यों उठाया गया है।” श्रीमती वाड्रा ने कहा, “क्या प्रधानमंत्री जी के ‘मित्र’ को देश के सारे संसाधन सौंपने का सिलसिला यहां तक पहुंच गया है कि सीमा सुरक्षा के नियम भी बदले जा रहे हैं। इस खबर के अनुसार, अडानी जी के एनर्जी पार्क के लिए भारत की सीमा सुरक्षा के नियमों में बदलाव कर दिया गया। लिखा है कि सेना के सीनियर अधिकारियों ने सीमा सुरक्षा और निगरानी कार्यों में आने वाली बाधाओं को लेकर आशंकाएं जताईं लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। प्रधानमंत्री जी के मित्र को सस्ती जमीन और व्यापारिक लाभ देने के लिए सेना की सुरक्षा जिम्मेदारियों को मुश्किल और संवेदनशील बनाया जा रहा है। क्या एक व्यक्ति का व्यापारिक हित देश की सुरक्षा के सवाल से भी बड़ा है।”

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