बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में आंदोलन तेज

चंडीगढ़: बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में विभाग के कर्मचारियों ने आंदोलन तेज करते हुए प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह फैसला न केवल कर्मचारियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है बल्कि आम जनता के हितों के भी खिलाफ है। यूनियन नेताओं ने कहा कि आगामी 24 जनवरी को बिजली कर्मचारी प्रशासक को 1 लाख उपभोक्ताओं के हस्ताक्षरों का ज्ञापन सौंपेंगे, जिसमें निजीकरण का विरोध दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा 31 जनवरी को पूरे देश में बिजली कर्मी निजीकरण के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन करेंगे। यूनियन के नेताओं ने आरोप लगाया कि गैर-कानूनी तरीके से कंपनी को जारी की गई एलओआई (लेटर ऑफ इंटेंट) को तुरंत रद्द किया जाए। कर्मचारियों की सेवा शर्तों को तय किए बिना और उनकी मर्जी के खिलाफ निजी कंपनी के हवाले करना पूरी तरह से गलत है।
यूनियन के अध्यक्ष अमरीक सिंह और महासचिव गोपाल दत्त जोशी ने कहा कि प्रशासन निजीकरण के माध्यम से मुनाफे में चल रहे बिजली विभाग को ‘कौड़ियों के भाव’ निजी कंपनी को सौंपने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि निजी ऑपरेटर जनता और कर्मचारियों के हितों को नजरअंदाज कर केवल अपने मुनाफे के लिए काम करते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने कर्मचारियों की पॉलिसी बनाए बिना विभाग को हैंडओवर किया, तो कर्मचारी तुरंत कार्य बहिष्कार करेंगे।

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