नई दिल्ली: दिल्ली का दंगल जीतने के लिए हर दांव-पेच की आजमाइश हो रही है. दिल्ली चुनाव में कैसे जीत दर्ज की जाए, इसकी रणनीति बनाने में सभी पार्टियां जुटी हैं. भाजपा 27 साल का सूखा खत्म करने की रणनीति बना रही है. आम आदमी पार्टी जीत का चौका लगाने को बेताब है. वहीं, कांग्रेस भी इस बार आक्रामक होकर वनवास खत्म करना चाहती है. अब तक की फाइट से लग रहा है कि दिल्ली में इस बार मुकाबला त्रिकोणीय है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने करीब-करीब सभी सीटों पर अपने पत्ते खोल दिए हैं. दिल्ली की सभी 70 सीटों पर उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं. हालांकि, भाजपा ने अभी 29 सीटों पर ही पत्ते खोले हैं. बाकी 41 सीटों के लिए भाजपा में अब भी मंथन जारी है. इसे लेकर ही शुक्रवार को भाजपा मुख्यालय में बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की शुक्रवार देर शाम को बैठक हुई.
दरअसल, दिल्ली चुनाव 2025 इस बार भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन चुकी है. भाजपा दिल्ली की कुर्सी से 27 साल से दूर है. हरियाणा और महाराष्ट्र की जीत की लय को भाजपा दिल्ली में भी बरकरार रखना चाहती है. यही वजह है कि पीएम मोदी खुद भाजपा की ओर से दिल्ली चुनाव की कमान संभाल चुके हैं. दिल्ली चुनाव के लिए उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट पर खुद पीएम मोदी और अमित शाह की नजर है. इसकी झलक तब दिखी, जब दिल्ली में कैंडिडेट लिस्ट पर चर्चा करने के लिए भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की शुक्रवार शाम को बैठक हुई. इस बैठक में पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा और बीएल संतोष समेत कई दिग्गज मौजूद थे.