मंत्रियों, अधिकारियों के दौरे के दौरान गौशालाएं कर दी जातीं फुल, गोवंशों पर अंकुश नहीं, किसान परेशान

  अन्ना गोवंशों पर अंकुश नहीं, किसान परेशान
– मंत्रियों, अधिकारियों के दौरे के दौरान गौशालाएं कर दी जातीं फुल
– ग्रामीणांचलों से लेकर शहरों में विचरण करते अन्ना गोवंश

मो. ज़र्रेयाब खान अज़रा न्यूज़ फतेहपुर। गोवंश संरक्षण के प्रति शासन व जिला प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी संबंधित विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों की घोर लापरवाही सामने आ रही है। ग्रामीणांचलों से लेकर शहर कस्बों में घूमने वाले गोवंश भूसा और हरे चारे की जगह कूड़ा कचरा खाकर और गंदा पानी पीकर पेट भर रहे हैं। वहीं, गांवों में अन्ना गोवंशों के झुंड के झुंड किसानों की फसलें खाकर, कुचल कर बर्बाद कर रहे हैं। वहीं आए दिन अन्ना गोवंशों से बड़ हादसे भी हो रहे हैं, जिससे लोगों की मौतें भी हो रही हैं।


शासन के निर्देशों के मुताबिक जिले में आवारा घूमने वाले गोवंशों को गौशालाओं में आश्रय दिलाया जाना निर्धारित किया गया। इसके तहत जिलाधिकारी द्वारा भी संबंधित अधिकारियों को अन्ना गोवंशों को हर कीमत पर गौशालाओं में आश्रय दिलाने के सख्त निर्देश दिए गए। इसके बावजूद संबंधित विभागों के अधिकारियों की उदासीनता के चलते अन्ना गोवंशों की समस्या किसानों के साथ आम लोगों को भी परेशान करती नजर आ रही है। गौशालाओं में जो आवारा गोवंश आश्रय भी पा रहे हैं, वह भी भूख प्यास बीमारी और गंदगी से जूझते नजर आ रहे हैं। गौशाला जांच के लिए किसी मंत्री या आला अधिकारी के क्षेत्र में आने पर संबंधित अधिकारी आनन-फानन में एक दो गौशालाओं को चिह्नित कर उन्हें चकाचक कर मंत्रियों व अधिकारियों की नजर में सब ठीकठाक कर देते हैं। जबकि हालात यह हैं कि शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी निराश्रित गोवंशों के झुंड घूमते दिख रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में गोवंशों के झुंड खेतों में खड़ी फसलें और सड़क किनारे खड़ी घास-फूस खाकर अपनी भूख मिटा रहे हैं। जिले में करोड़ों की फसल अन्ना मवेशियों का निवाला बन गए। अन्नदाताओं ने हजारों बीघा खेत परती छोड़ रखी हैं। यमुना कटरी के साथ ही मैदानी इलाके के गांवों के किसान अन्ना मवेशी से ज्यादा पीड़ित हैं।


इनसेट-
हादसे का कारण बन रहे अन्ना मवेशी
अन्ना गोवंश के चलते किसानों ने अरहर, मटर, चना सब्जी की फसलों के उत्पादन से तौबा कर ली है। वहीं सड़कों में घूमकर हादसों का सबब बन रहे हैं। शहरों में गोवंशों का और भी बुरा हाल है। गोवंश के झुंड घरों और गली-मोहल्लों में पड़े कूड़े-कचरे को खाकर अपना पेट भर रहे हैं, जिससे गोवंश कई प्रकार की गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं और इसके बावजूद संबंधित विभागों के अधिकारी अनजान बने नजर आ रहे हैं, जिससे गोवंशों को गौशालाओं में आश्रय दिलाने के सख्त निर्देश धूल चाटते नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि इन अन्ना गोवंशों से सड़कों पर आए दिन वाहन दुर्घटनाएं हो रही हैं इनमें लोग अपनी जान तक गंवा रहे हैं।

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