संसद की अनुभवात्मक शिक्षण यात्रा पर निकले सीपीएस के छात्र

संसद की अनुभवात्मक शिक्षण यात्रा पर निकले सीपीएस के छात्र
फोटो परिचय-  संसद की अनुभवात्मक शिक्षण यात्रा करते सीपीएस के बच्चे।
फतेहपुर। नागरिक शिक्षा को बढ़ावा देने की एक महत्वपूर्ण पहल में चिल्ड्रेन पब्लिक स्कूल के छात्रों को 25 छात्रों व 05 संकायों की एक टीम के साथ बुधवार को भारतीय संसद नई दिल्ली का दौरा करने का अनूठा अवसर मिला। अनुभवात्मक शिक्षण यात्रा का उद्देश्य छात्रों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया और देश के विधायी निकायों के कामकाज की व्यावहारिक समझ प्रदान करना है।
यात्रा की शुरुआत ऐतिहासिक और स्थापत्य महत्व के परिचय के साथ हुई। संसद भवन, इसके बाद संसदीय कर्मचारियों द्वारा लोकसभा और राज्यसभा की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों पर एक गहन जानकारी दी गई। इस प्रत्यक्ष प्रदर्शन से छात्रों को इस बात की गहरी समझ मिली कि कानून कैसे बनाए जाते हैं और राष्ट्र को आकार देने में संसदीय प्रक्रियाओं का महत्व क्या है। यात्रा के दौरान छात्रों को संविधान सदन का दौरा करने का मौका मिला, जो ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता तक भारत के परिवर्तन का गवाह था और संविधान सभा, जिसने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया था, ने संविधान सदन में अपने कई महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए। उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा कक्षों, आर्ट गैलरी, संसद संग्रहालय और प्रेरणा स्थल का भी दौरा किया, जो छात्रों के लिए संसद की भूमिका को बेहतर तरीके से समझने के लिए बहुत प्रेरणादायक थे। स्टडी टूर का समापन प्रेरणा स्थल पर फोटो सेशन के साथ हुआ। साथ में आए शिक्षक सैफ, आशुतोष और कुमारी अंशिका ने कहा कि इस तरह के दौरों से छात्रों की संविधान और लोकतांत्रिक सरकार की कार्यप्रणाली के बारे में समझ बढ़ती है। छात्रों ने इस यात्रा के बारे में अपना उत्साह व्यक्त किया और इसे भारतीय लोकतंत्र की धड़कन को देखने का जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर बताया। सीपीएस फ़तेहपुर के प्रिंसिपल डॉ. पद्मालया दास चौधुरी ने सीपीएस पर विश्वास करने के लिए सभी अभिभावकों को धन्यवाद दिया और पूरी यात्रा के दौरान शिक्षकों की ईमानदारी से देखभाल की सराहना की और यात्रा में उत्कृष्ट अनुशासन के लिए छात्रों की सराहना की। उन्होंने छात्रों और शिक्षकों को यह कहकर प्रेरित किया कि इस अनुभव को अधिक जिज्ञासा और सीखने और सार्वजनिक सेवा के लिए आजीवन प्रतिबद्धता की नींव के रूप में काम करना चाहिए। निर्देशिका प्राची श्रीवास्तव ने कहा कि इस तरह के अध्ययन दौरे से छात्र अपनी कक्षा की शिक्षाओं को वास्तविक जीवन के शासन से जोड़ने में सक्षम हो गए, जो सक्रिय नागरिकता को बढ़ावा देने में अमूल्य है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *