चौथे दिन भक्तों ने मां कुष्मांडा की पूजा कर मांगी मनोकामना
-मंदिरों व पडालों में गूंजा मंत्रोच्चार, बही आस्था की बयार
फोटो परिचय- मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना करते श्रद्धालु।
मो. ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज़ फतेहपुर। शारदीय नवरात्र में भक्तगण जगत जननी माता मां दुर्गा की आराधना में पूरी श्रद्धा भक्ति से लीन है। शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में इस विशेष मौके पर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। जिले के सभी देवी के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। घरों व मंदिरों में दुर्गा सप्तशती का पाठ कर लोग मां का ध्यान कर रहे हैं। भगवती को प्रसन्न करने के लिए व्रत व अनुष्ठान भी किए जा रहे हैं।
अमौली में शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर मां दुर्गा पूजा कमेटी द्वारा आयोजित नवदश दुर्गापूजा एवं मां भगवती का भव्य श्रंगार कार्यक्रम में देवी माहत्म्य के तहत
आचार्य सुरेंद्र शास्त्री देवी के प्राकट्य से लेकर मां दुर्गा की कथा सुनाई। मां चन्द्रघंटा के बारे में बताया कि किस प्रकार महिषासुर के आतंक पीड़ित देवी एवं देवताओं ने भगवान विष्णु, भगवान ब्रह्मा तथा भगवान शिव से आराधना की और कहा कि हमारी पीड़ा को समाप्त करने का उपाय करिए प्रभु। इस बात से उत्पन्न क्रोध के चलते त्रिदेवों के मुख से जो ऊर्जा उत्पन्न हुई उससे एक देवी का जन्म हुआ। जिन्हें देवों के देव भगवान महादेव ने त्रिशूल, भगवान विष्णु ने अपना चक्र और इसी तरह समस्त देवी एवं देवताओं ने अपनी अपनी शक्तियां और अस्त्र मां के इस स्वरूप को सौंप दिए, वही देवराज इंद्र ने मां को अपनी ओर से एक घंटा अर्पित किया। इसके पश्चात मां ने
महिषासुर का वध कर दिया। मां का यह रूप निर्भीकता पराक्रम एवं साहस का प्रतीक है। इनकी आराधना से भक्तों में आत्मविश्वास बढ़ता है कथा के समापन के पश्चात यजमान अखिलेश ओमर एवं अंजना ओमर के साथ हजारों के भक्त समुदाय ने मां दुर्गा तथा दरबारी देवी एवं देवताओं का पूजन अर्चन कर आरती में हिस्सा लिया। संस्था के मंत्री एवं संचालक शिक्षक उमेश त्रिवेदी ने उपस्थित आमजनमानस तथा अतिथियों का आभार जताया। इसी तरह से शहर क्षेत्र में पक्का तालाब, पटेल नगर, पत्थरकटा चौराहा, शादीपुर, रेलवे स्टेशन परिसर, हरिहरगंज, देवीगंज समेत अन्य स्थानों में स्थापित दुर्गा पांडालों में चौथे दिन मां कुष्मांडा की विधि विधान के साथ भक्तों ने पूजा अर्चना की और मां के जयकारे लगाए।