अगर उर्दू से है रिश्ता जरा भी, तो दरिया की तरह बहती है हिंदी

   डायट प्राचार्य ने कवि शिवशरण को किया सम्मानित
– अगर उर्दू से है रिश्ता जरा भी, तो दरिया की तरह बहती है हिंदी
फोटो परिचय-  कवि शिवशरण बंधु हथगामी को सम्मानित करते डायट प्राचार्य।
मो. ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज़ फतेहपुर। हिंदी दिवस के अवसर पर कवि एवं शायर शिवशरण बंधु को उत्कृष्ट काव्य पाठ के लिए डायट प्राचार्य एवं निदेशक संजय कुमार कुशवाहा ने कार्यक्रम के संयोजक डॉ विनय मिश्र के साथ शाल एवं प्रतीक चिन्ह देखकर सम्मानित किया। इसके पश्चात डॉ. राधेश्याम दीक्षित ने भी अलग से शाल्यार्पण के साथ श्री बंधु को सम्मानित किया।


प्राचार्य ने कहा कि हिंदी के उत्थान में साहित्यकारों की सबसे बड़ा भूमिका होती है। प्राचार्य ने श्री बंधु की कविताओं की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारत विश्व में सर्वाधिक विविधताओं वाला देश है। हिंदी सभी भाषाओं के बीच एकता का सूत्र बांधने का काम कर रही है। प्रवक्ता विनय मिश्र ने कहा कि हिंदी दिवस पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम अधिक से अधिक प्रयोग हिंदी का ही करें। प्रवक्ता रमेश सोनकर ने कविता सुनाई जबकि डीएलएड के छात्र ने रामधारी दिनकर की कविता से हुंकार भरी। हिंदी दिवस के मुख्य आकर्षक कवि एवं शायर शिवशरण बंधु ने मुक्तक के साथ-साथ हिंदी पर एक रचना प्रस्तुत कर मातृभाषा के विकास में आ रही बाधाओं की ओर इंगित किया। कवि शिवशरण बंधु ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा सम्मानित किए जाने के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और कहा कि उन्हें गर्व है कि वे समाज के अंतिम

पायदान पर खड़े लोगों के बच्चों की बुनियादी शिक्षा परिषदीय विद्यालय के शिक्षक हैं। आज दुनिया भर में हिंदी बोली जाती है। हिंदी हमारी आन, बान, शान और राष्ट्र की पहचान है। उन्होंने काव्य पाठ कर उपस्थित लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया। हिंदी पर उनकी रचना दृष्टव्य है-बड़ी तकलीफ़ में रहती है हिंदी, मगर कुछ भी नहीं कहती है हिंदी, चढ़ा हो भूत जब अंग्रे़जियत का, कहां आराम से रहती है हिंदी, कठिन शब्दों का सर पर बोझ लादे, किसी दीवार-सी ढहती है हिंदी, अगर उर्दू से है रिश्ता ज़रा भी, तो दरिया की तरह बहती है हिंदी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *