शिशुओं में सीखने के भाव को और अधिक विकसित करने में सहायक होंगे नवनिर्मित आयाम

  क्षेत्रीय संगठन मंत्री ने शिशु वाटिका के 12 आयामों का किया उद्घाटन
शिशुओं में सीखने के भाव को और अधिक विकसित करने में सहायक होंगे नवनिर्मित आयाम
फोटो परिचय-  शिशु वाटिका के आयामों का उद्घाटन करते क्षेत्रीय संगठन मंत्री।
मो. ज़र्रेयाब खान अज़रा न्यूज़ फतेहपुर। शहर के वीआईपी रोड स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर काॅलेज में विद्या भारती एवं नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्र्तगत निर्धारित शिशु वाटिका के 12 आयाम कक्षों का उद्घाटन पूरे विधि-विधान से विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय संगठन मंत्री हेमचन्द्र ने किया। इन आयामों में वस्तु संग्रहालय, कला कक्ष, विज्ञान कक्ष, पुस्तकालय, क्रीडांगन, तरणताल, कार्यशाला, चिड़ियाघर इत्यादि के कक्ष शामिल हैं। इसके साथ ही में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले एक हजार से अधिक व्यक्तियों व महिलाओं के साथ विद्वत परिषद गोष्ठी का आयोजन भी किया गया।
गोष्ठी का विषय भारतीय ज्ञान परम्परा था। जिसमें प्रमुख विद्वतजनों ने अपने विचार रखे। मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा के अनुसार बच्चे में सीखने की प्रवृत्ति माता के गर्भ से ही प्रारंभ हो जाती है। शिशु वाटिका के यह नवनिर्मित 12 आयाम प्रारंभ के शैशवावस्था काल 4 वर्ष की आयु तक शिशुओं में सीखने के भाव को और अधिक विकसित करने में सहायक होगें। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में क्षेत्रीय शिशु वाटिका प्रमुख विजय उपाध्याय, सेवा संयोेजक पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं नेपाल योगेश, विद्या भारती कानपुर प्रांत के संगठन मंत्री रजनीश पाठक, फतेहपुर विभाग के विभाग कार्यवाह ज्ञानेन्द्र सिंह, राजकीय महिला महाविद्यालय की प्राचार्या चारू एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन सदानन्द महाविद्यालय छिवलहा के संस्कृत के प्रोफेसर डा0 ईशनारायण द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम का प्रारम्भ प्रधानाचार्य नरेन्द्र सिंह ने अतिथियों का परिचय करवाकर किया, तत्पश्चात अतिथियों ने आयाम कक्षों के प्रमुख आचार्य/आचार्या को स्मृति चिन्ह एवं उपहार देकर सम्मानित किया। समापन पर बालिका संवर्ग व्यवस्था प्रमुख राजेश मिश्र ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

 

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