मनरेगा कार्यों में धांधली का आरोप लगा रोजगार सेवक ने त्यागा पद

  मनरेगा कार्यों में धांधली का आरोप लगा रोजगार सेवक ने त्यागा पद
मो. ज़र्रेयाब खान अज़रा न्यूज़ फतेहपुर। खागा तहसील के गोदौरा गांव में नियुक्त रोजगार सेवक ने मनरेगा कार्याे में बिना हस्ताक्षर लाखों का भुगतान हो जाने पर एवं अनुचित दबाव डालवाकर नियमों के विपरीत कार्य करवाने का प्रयास व मनरेगा कार्याे में लाखों की धांधली का आरोप लगाते हुए ग्राम रोजगार सेवक पद से इस्तीफा दे दिया।
विजयीपुर विकास खंड के गोदौरा गांव में बीते महीनो मनरेगा कार्याे में कई लाखों की धांधली सरकारी धन गबन बिना प्रधान के हस्ताक्षर फर्जी भुगतान की शिकायत मुख्य विकास अधिकारी से हुई थी। प्रधान की शिकायत पर तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी पवन कुमार मीना ने त्रिस्तरीय डीसी मनरेगा गठित टीम बना मामले की जांच करवाई। जांच के बावजूद मामले के चार महीना बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई। न ही किसी प्रकार की कोई जानकारी कृत कार्यवाही सार्वजनिक हुई। ग्राम रोजगार सेवक अभिषेक त्रिपाठी ने वीडियो जारी करते हुए बताया कि ग्राम पंचायत में एक करोड़ 16 लाख से अधिक मनरेगा कार्यों का भुगतान हुआ है। वित्तीय वर्ष 24 25 में मनरेगा कार्याे में जमकर धांधली की गई है। मनरेगा गाइडलाइन के विरुद्ध जेसीबी और ट्रैक्टरों के माध्यम से कार्य करवाए जाते हैं फर्जी श्रमिकों की उपस्थिति ऑनलाइन अटेंडेंस दर्ज की जाती है मोबाइल से फोटो मोबाइल में खींची जाती है। जिसके उनके पास साक्ष्य हैं। वीडियो में रोजगार सेवक ने बताया कि अनुचित दबाव देकर दहशत बनाकर फर्जी कार्यों को ऑडिट करवाया जा रहा था। जिसमें मैं असमर्थ हूं। कई बार उपरोक्त संदर्भ में ग्राम पंचायत अधिकारी समेत उच्च अधिकारियों को अवगत कराया लेकिन किसी ने किसी भी प्रकार की सहायता नहीं की। तीन महीने का मानदेय भी नहीं मिल सका। जिस पर उन्होंने कहा कि मुख्य विकास अधिकारी से अनुमोदन कर मानदेय प्राप्त कराने की प्रार्थना की गई है। बताया कि कुछ दबंग लोग षड्यंत्र रचकर फर्जी महिला अधिनियम एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम में फसाने की धमकियां दे चुके हैं। मन मुताबिक जबरन अवैध फर्जी कार्य सोशल एडिट करने में असमर्थ हैं। इसलिए अपने उपरोक्त कारणो सहित त्याग पत्र दे दिया।

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