नागपुर हिंसा के Faheem Khan को बड़ी राहत, घर तोड़ने पर कोर्ट ने लगाई रोक; प्रशासन को फटकारा

नागपुर : महाराष्ट्र के नागपुर में हुए हिंसा मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने मुख्य आरोपी Faheem Khan और यूसुफ शेख को बड़ी राहत प्रदान की है। अदालत ने इस मामले में प्रशासन की कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए उसे फटकार भी लगाई है। Faheem Khan और यूसुफ शेख की संपत्तियों को गिराने पर हाई कोर्ट ने तत्काल रोक लगा दी है। कोर्ट ने संपत्ति मालिकों की सुनवाई न किए जाने पर चिंता व्यक्त की है।

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हालांकि, अदालत का आदेश पारित होने से पहले ही सोमवार दोपहर को Faheem Khan की संपत्ति को ध्वस्त कर दिया गया था। कोर्ट ने सरकार और नगर निगम के अधिकारियों को इस संबंध में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है और मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को निर्धारित की है। आज ही नगर निगम ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में फहीम खान के दो मंजिला मकान को अवैध बताते हुए गिरा दिया था।

अधिकारियों के अनुसार, महल इलाके में स्थित आरोपी यूसुफ शेख के मकान के अवैध हिस्से को भी ढहा दिया गया है। माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता फहीम खान के खिलाफ 17 मार्च को हुई हिंसा के मामले में राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। वह उस हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए 100 से अधिक लोगों में शामिल हैं।

Faheem Khan के मकान के लिए हाउसिंग प्लान की मंजूरी न होने और निर्माण में कमियों का उल्लेख किया 

सूत्रों की मानें तो नागपुर नगर निगम ने कुछ दिन पहले Faheem Khan को नोटिस जारी किया था, जिसमें उनके मकान के लिए हाउसिंग प्लान की मंजूरी न होने और निर्माण में कमियों का उल्लेख किया गया था। इसके बाद यशोधरा नगर क्षेत्र की संजय बाग कॉलोनी में स्थित उनके मकान को सुबह करीब साढ़े 10 बजे नगर निगम की तीन जेसीबी मशीनों की सहायता से गिराना शुरू कर दिया गया था।

गौरतलब है कि छत्रपति संभाजीनगर जिले में बनी औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के नेतृत्व में 17 मार्च को प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान आयत लिखी चादर जलाए जाने की अफवाह फैलने के बाद हिंसक भीड़ ने कई इलाकों में पथराव और आगजनी की थी। इस हिंसा में डीसीपी स्तर के तीन अधिकारियों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

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